Education

जॉनसन एण्ड जॉनसन पेय करते हैं पेट दर्द को आमंत्रित

1 Mins read

उन्मेष गुजराथी
स्प्राउट्स एक्सक्लूसिव

दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को अधिकारियों से एक जनहित याचिका पर विचार करने के लिए कहा, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कुछ दवा कंपनियों द्वारा जानबूझकर उत्पादों को ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्ट (Oral Rehydration Salt (ORS) के रूप में लेबल किया जा रहा है.

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of India (FSSAI) और दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वे मामले पर लागू कानून, नियमों, विनियमों और सरकारी नीति के अनुसार प्रतिनिधित्व तय करें और याचिका का निस्तारण करें.

डायरिया के लिए जॉनसन एण्ड जॉनसन (Johnson & Johnson) का त्वरित समाधान हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर करने वाले जेएनयू के सहायक प्रोफेसर के कारण संदेह के घेरे में है, जिसमें दावा किया गया है कि फार्मा प्रमुख द्वारा संक्षिप्त शब्द ओआरएसएल का उपयोग जनता को गुमराह कर रहा है क्योंकि यह ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट (Oral Rehydration Salts (ORS) श्रेणी से संबंधित होने का आभास उत्पन्न करता है. याचिकाकर्ता ने शुरुआत में अपनी जनहित याचिका में कहा था कि जो पेय या तो पूरी तरह से फलों के रस पर आधारित हैं या गैर-कार्बोनेटेड पानी पर आधारित हैं, वे ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट (Oral Rehydration Salts (ORS) की श्रेणी में नहीं आते हैं.

यह बताते हुए कि यह भ्रामक टैग उपभोक्ता के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है, यह भी उल्लेख किया गया है कि कंपनी अब तक ओआरएसएल छत्र के तहत तीन ओआरएसएल, ओआरएसएल प्लस और ओआरएसएल रिहाइड्रेट नामक ब्रांड्स बेच रही थी. यह हवाला देते हुए कि जॉनसन एण्ड जॉनसन द्वारा हेल्थ केयर मार्केट (health care market) में प्रमोट किये जा रहे इन सभी ब्रांड्स में ओआरएस श्रेणी के तहत आने वाले पेय को विनिर्दिष्ट करनेवाले विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization (WHO) के मानकों का उल्लंघन हो रहा है.  

याचिकाकर्ता ने इस विसंगति को दूर करने की मांग की कि फार्मा प्रमुख द्वारा प्रवर्तित सभी ब्रांड ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत आने वाले उपयुक्त लाइसेंस प्राप्त करने में विफल रहे हैं, जबकि उनमें से सभी भ्रामक ओआरएसएल टैग का उपयोग करते हैं. याचिका में आगे कहा गया है, ”ये ब्रांड किसी भी खुदरा ऑनलाइन आउटलेट (retail online outlet) पर बेचे जाने में विफल क्यों हैं, जबकि ये किसी भी फार्मा स्टोर (pharma stores) पर बहुतायत में उपलब्ध हैं?”

याचिका में दिल्ली उच्च न्यायालय से निर्देश मांगा गया था कि जॉनसन एण्ड जॉनसन को पारदर्शी रूप से यह बताने के लिए कहा जाए कि आम जन जो उनके उत्पाद खरीदना चाहते हैं, वे उत्पाद लेबल पर निर्दिष्ट स्वास्थ्य खतरों के अधीन होंगे.  अवयवों के संदर्भ में, याचिका में दावा किया गया है कि इन ब्रांडों में चीनी की मात्रा बहुत अधिक है और यदि डायरिया के इलाज के लिए बच्चों को दिया जाता है, तो वे उपभोग के लिए हानिकारक साबित होंगे. 

स्प्राउट्स (Sprouts) हानिकारक खाद्य पदार्थों पर लेखों की एक श्रृंखला प्रकाशित कर रहा है जो उनके निर्माताओं द्वारा किए जा रहे गैर-जिम्मेदार भ्रामक दावों के कारण स्वास्थ्य पूरक की श्रेणी में आते हैं. स्प्राउट्स की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (Special Investigation Team (SIT) द्वारा चलाए गए अभियान के एक हिस्से के रूप में ऐसी हर घटना को सार्वजनिक डोमेन में लाने का प्रयास किया जाता है. 

Related posts
Education

मोहनबुवा रामदासी यांनाही सुटला बोगस पीएचडीचा मोह

1 Mins read
उन्मेष गुजराथीस्प्राऊट्स Exclusive ‘जय जय रघुवीर समर्थचा गजर’ करीत समर्थ रामदास स्वामींनी अध्यात्म व बलोपासनेचा संदेश दिला. समर्थांच्या या कार्याचा प्रसार सध्या…
Education

Mohanbuva Ramdasi also escaped the temptation of a bogus PhD

2 Mins read
Unmesh GujarathiSprouts Exclusive Samarth Ramdas Swami gave a message of spirituality and valor while chanting ‘Jai Jai Raghuveer Samarth’. This work of…
Education

निष्क्रिय माजी प्र-कुलगुरू रवींद्र कुलकर्णी मुंबई विद्यापीठाच्या कुलगुरूपदाच्या शर्यतीत

1 Mins read
माजी प्र-कुलगुरू रवींद्र कुलकर्णी यांना सर्वोच्च न्यायालयाची अवमान केल्याबद्दल नोटीस निवड समिती आणि प्रशासकीय अधिकारी आनंद मिलये यांच्याकडे तक्रार दाखल कुलगुरूपदासाठी थेट…