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महाराष्ट्र के फंड पर भाजपा लड़ेगी कर्नाटक का चुनाव

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उन्मेष गुजराथी
स्प्राउट्स एक्सक्लूसिव

कर्नाटक ने हमेशा महाराष्ट्र से नफरत की है, लेकिन भाजपा ने कर्नाटक का आगामी विधानसभा चुनाव महाराष्ट्र के पैसे पर जीतने का फैसला किया है और इसके लिए वित्तीय राशि जुटाने का आदेश भी सीधे दिल्ली से  भाजपा हाई कमान द्वारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे को दिया गया है.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मिलने दिल्ली गए थे. मोदी ने इन दोनों को बीजेपी नेता और गृह मंत्री अमित शाह ( Amit Shah ) से मिलने को कहा. इस बैठक में शाह ने कर्नाटक में होनेवाले विधानसभा (Karnataka Election) चुनाव को लेकर चर्चा की.

शिंदे के महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने के बाद से देशभर में तीन चुनाव हो चुके हैं. शाह ने कड़े शब्दों में नाराजगी जताते हुए कहा कि इन तीनों चुनावों में शिंदे ने बीजेपी के लिए एक भी पैसा पार्टी फंड नहीं दिया है. स्प्राउट्स (Sprouts) को विश्वसनीय जानकारी मिली है कि उन्होंने शिंदे को कर्नाटक में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए तुरंत पार्टी फंड इकट्ठा करने का आदेश दिया है.

भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा देवेंद्र फडणवीस जैसे वरिष्ठ नेता को साइड करके शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का एक और महत्वपूर्ण कारण यह है कि पार्टी को पहले से अधिक फंड की उम्मीद है. इसलिए बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को शिंदे से काफी उम्मीदें हैं.

भाजपा की इन्हीं उम्मीदों को पूरा करने के लिए शिंदे ने इस आदेश को प्राथमिकता मानते हुए इसकी तैयारी शुरू कर दी है. बड़े पैमाने पर ठेके देना शुरू कर दिया है. उसी हिसाब से विकास के काम शुरू हो चुके हैं और आगे होंगे और महाराष्ट्र से नफरत करने वाले कर्नाटक का आगामी विधानसभा चुनाव महाराष्ट्र के पैसे पर लड़ा जाएगा.

भारत में होने वाले चुनावों के लिए प्रत्येक राज्य से विभिन्न दलों के प्रमुख नेताओं को पार्टी फंडिंग का लक्ष्य दिया जाता है. जब महाराष्ट्र में कांग्रेस सत्ता में थी तब यह जिम्मेदारी विलासराव देशमुख पर थी. फिर 2014 आया और देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने, जाहिर है उन्होंने उस वक्त बीजेपी के लिए इस जिम्मेदारी को निभाया था.

अमित शाह भविष्य में फडणवीस को प्रधानमंत्री पद का दावेदार मानते हैं. इसलिए उन्होंने फडणवीस की लीडरशिप को डाउन करने के लिए एकनाथ शिंदे को आगे किया है. शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की इस चुनौती को स्वीकार भी किया है, लेकिन उन्हें लगातार फडणवीस की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है. फडणवीस ने शिंदे और उनके साथियों को हड़काने के लिए अंदरूनी राजनीति करना भी शुरू कर दिया है. इसके अलावा ‘स्प्राउट्स’ को विश्वसनीय जानकारी मिली है कि अमित शाह और फडणवीस द्वारा दी गई इस नई चुनौती के कारण शिंदे की भी नींद उड़ी हुई है.

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