Education

जानलेवा ड्रग माफिया को एफडीए का ‘आशीर्वाद’ 

1 Mins read

अवैध ड्रग्स का दोहरा प्रहार – स्वास्थ्य और धन की हानि

उन्मेष गुजराथी
स्प्राउट्स एक्सक्लूसिव

पिंपरी-चिंचवाड स्थित एक दवा कंपनी ने खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग (Food and Drug Administration Department) (जिसे स्पष्ट रूप से भारी रिश्वत दी गई है) के अनौपचारिक आशीर्वाद से अवैध रूप से दवाओं के निर्माण से अरबों रुपये का काला धन जमा किया है. स्प्राउट्स की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (Sprouts’ Special Investigation Team (SIT) के पास विश्वसनीय जानकारी है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की है.

इस कंपनी की अवैध मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री पिंपरी-चिंचवाड सिटी के वाकड में स्थित है. जागरूक नागरिकों और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) को इस कारखाने में लाखों रोगियों के स्वास्थ्य और जीवन को खतरे में डालनेवाली बनाई जा रही नकली दवाओं के बारे में कई शिकायतें की गईं. लेकिन एफडीए ने इन शिकायतों को अनसुना कर दिया है. अंत में शिकायतों के आधार पर ‘स्प्राउट्स’ ने मामले को प्रकाशित किया. शिकायत पर स्प्राउट्स की टीम ने भी एफडीए अधिकारियों से संपर्क किया. 

अंत में, खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने कारखाने पर छापा मारा जहां अधिकारियों को अप्रमाणित दवाओं का भंडार मिला. लेकिन मामला ‘मैनेज’ हो गया था और मालिकों और उनके सहयोगियों के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया था. इसके बाद विभाग के अधिकारियों को बार-बार की गई शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया गया है क्योंकि कंपनी के मालिक प्रवीण अग्रवाल (Pravin Agarwal) और पवनकुमार जगदीशचंद गोयल (Pawankumar Jagdishchand Goyal) ने संबंधित एफडीए अधिकारियों को ‘मैनेज’ कर लिया है. ‘मौत का कारखाना’ अभी भी काम कर रहा है और अवैध दवाएं बाजार में भेजी जा रही हैं जिससे मरीजों के जीवन को गंभीर रिस्क और खतरा है.

अभियुक्त आजाद हैं 

एस रेमेडीज (Ace Remedies) कंपनी के मालिक प्रवीण अग्रवाल और पवनकुमार गोयल नकली दवाइयां बनाते और बेचते हैं. दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 274, 276, 419 और 420 के तहत आपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए. इसके अलावा, कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 119, 172, 419 और अन्य संबंधित धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की जानी आवश्यक थी. हालांकि, जांच को मालिकों द्वारा मुक्त संचालन में मदद करनेवाले एफडीए अधिकारियों के गुट के साथ ‘मैनेज’ किया गया है, जो मरीजों और उनके परिजनों के लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है.

‘इंडियामार्ट’ (IndiaMart) के जरिये इन नकली दवाओं की बिक्री

इंडियामार्ट वेब पोर्टल पर आज भी ‘इंडियामार्ट’ (www.indiamart.com) द्वारा इन अवैध और नकली दवाओं की बिक्री जारी है. ‘स्प्राउट्स’ ने पहले भी इस अवैध बिक्री का पर्दाफाश किया था. इसके जवाब में इंडियामार्ट ने ‘स्प्राउट्स’ को पत्र भेजा.  लेकिन इस लिखित पत्र के बाद भी अवैध रूप से बने इन ड्रग्स की बिक्री इंडियामार्ट द्वारा बदस्तूर जारी है.

नकली दवा कंपनियों (spurious drug companies) से करोड़ों के राजस्व का नुकसान

खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने पाया है कि नकली दवा बनाने वाली कंपनियों की खरीद एवं बिक्री का कोई हिसाब-किताब और रिकॉर्ड नहीं है, जिससे जनता के लिए गंभीर स्वास्थ्य खतरों के अलावा सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान भी हो रहा है.

Related posts
EducationTrending News

Mumbai School Scam Exposed: ₹2.17 Cr Fine, No NOC Since 2017.

2 Mins read
Mumbai’s Illegal School Scam Exposed • ₹2.17 Crore Fine Ignored: Major Lapses Revealed • Sprouts SIT Uncovers Education Sector Violations Unmesh Gujarathi…
EducationTrending News

Doctor Dreams Die Under ₹1 Cr MBBS fees Burden.

2 Mins read
Doctor Dreams Costing a Crore Costly Cure for a Dream • MBBS Now a Millionaire’s Game • Sprouts News Exposes Medical Fee…
BusinessEducationTrending News

Mittal Ayurved College Under Fire for Alleged Paid Promotions

2 Mins read
Promotions for Sale at Mittal Ayurved College? •State Rules Ignored, Favors Delivered •Sprouts Exposes Recruitment Scam Again Unmesh Gujarathi Sprouts News Exclusive…