उन्मेष गुजराथी
स्प्राउट्स एक्सक्लूसिव
‘स्प्राउट्स’ की स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) को चौंकाने वाली जानकारी मिली है कि मुंबई के एक कथित कारोबारी ने फर्जी दस्तावेज बनाकर और कलेक्टर की अनुमति के बिना 50 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है.
निजाम के वंशज नवाब मीर बरकत अली खान बहादुर का महाबलेश्वर में ‘वुडलॉन्स’ नामक आलीशान बंगला है. यह बंगला कलेक्टर की जमीन पर बना है. कथित कारोबारी दिलीप ठक्कर ने इस बंगले पर अवैध कब्जा कर रखा था.
इस बंगले पर कर्ज लेते समय कलेक्टर अथवा तत्सम प्रशासन की अनुमति लेना अनिवार्य है. लेकिन, ‘स्प्राउट्स’ की ‘एसआईटी’ को चौंकाने वाली जानकारी मिली है कि ठक्कर ने फर्जी दस्तावेज बनाकर शापूरजी पालनजी फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड से 50 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था.
मौजूदा स्थितिः क्या है मामला?
महाबलेश्वर महाराष्ट्र का एक दर्शनीय स्थल है. इस इलाके में अंग्रेजों द्वारा हैदराबाद के नवाब को 99 साल की लीज पर दिया गया बंगला है. आज इस बंगले की कीमत 250 करोड़ रुपये से भी अधिक है. इस बंगले का मालिकाना हक निजाम के वंशज नवाब मीर बरकत अली खान बहादुर के पास होना चाहिए था. लेकिन, निजाम के वंशजों का आरोप है कि मुंबई के कारोबारी दिलीप ठक्कर ने फर्जी दस्तावेज बनाकर उस जगह पर कब्जा कर लिया.
उसके बाद कलेक्टर रुचेश जयवंशी ने पुलिस की मदद से साहसिक कार्रवाई की और इस बंगले को सील कर दिया. उसके बाद यह मामला मुंबई उच्च न्यायालय में गया और यह बंगला और भी विवादों के घेरे में आ गया. फिलहाल यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में जा चुका है.