मुंबई के सैफी अस्पताल में मरीज को लगाई गई नकली इंजेक्शन, हुई मौत, 12 लोगों पर केस दर्ज

Unmesh Gujarathi
3 Min Read

10 JAN 2023 SPROUTS STORY PG 8

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी के तहत धोखाधड़ी, जालसाजी, विश्वासघात आदि की धाराएं लगाई हैं। साथ ही मामले में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट की धाराएं भी जोड़ी गई है।

मुंबई से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। जहां दक्षिण मुंबई के सैफी अस्पताल में नकली आयरन (Iron) इंजेक्शन देने की वजह से कथित तौर पर एक मरीज की मौत्त हो गई। पुलिस ने इस मामले में अस्पताल के मेडिकल स्टोर के मालिक सहित 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोप है कि नकली इंजेक्शन से मरीज पर प्रतिकूल प्रतिक्रिया हुई और उसने दम तोड़ दिया।

वीपी रोड पुलिस (VP Road Police) ने शनिवार को सैफी मेडिकल स्टोर, एनआरएस फार्मा, अदितजीत फार्मा वितरक जैन एजेंसी, देव फार्मा, एमडीके फार्मा, वर्धन वितरक सिद्धिविनायक फार्मा, एमसी मेडिटेक सिस्टम (Emcee Meditech System), जय मां अंबा मेडिकोज, कान्हा फार्मा और जीआर फार्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी के तहत धोखाधड़ी, जालसाजी, विश्वासघात आदि की धाराएं लगाई हैं। साथ ही मामले में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट की धाराएं भी जोड़ी गई है।

पुलिस ने फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) के मेडिसिन इंस्पेक्टर की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की है। सैफी अस्पताल में 55 वर्षीय विवेक कांबली की संदिग्ध प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया के कारण मौत हो गई थी। जिसके बाद 17 नवंबर को एफडीए के आदेश पर इंजेक्शन के स्टॉक को सील कर दिया गया।

मंत्रालय में बतौर क्लर्क काम करने वाले विवेक कांबली को आयरन की कमी (Iron Deficiency) के कारण सैफी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एक अधिकारी ने कहा, “विवेक कांबली को रूफर एफसीएम इंजेक्शन (Roofer FCM Injection) दिया गया था और कांबली को इंजेक्शन का रिएक्शन हुआ और 12 अक्टूबर को उनकी मौत हो गई।”

कांबली की पत्नी सुषमा भी मंत्रालय में काम करती हैं। उन्होंने अपने पति को लगाए गए इंजेक्शन पर संदेह जताया। उनकी शिकायत पर सैफी अस्पताल के अधिकारियों ने एफडीए को इसकी जानकारी दी और परीक्षण के लिए इंजेक्शन सौंप दिया। एफडीए की जांच में पता चला कि आयरन सप्लीमेंट इंजेक्शन संबंधित कंपनी का है ही नहीं। पुलिस ने एफडीए द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

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With over 28 years of experience, Unmesh Gujarathi stands as one of India’s most credible and courageous investigative journalists. As Editor-in-Chief of Sprouts, he continues to spearhead the newsroom’s hard-hitting journalism.
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Beyond his editorial leadership, Unmesh is a prolific author, having written over 12 books in Marathi and English on subjects such as Balasaheb Thackeray, the RTI Act, career guidance, and investigative journalism.
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