Education

 मैगी, चिंग्स, यिप्पी और पतंजलि नूडल्स स्वास्थ्य के लिए उत्पन्न करते हैं गंभीर खतरा

1 Mins read

क्या आपको वह टेलीविज़न विज्ञापन याद है जिसमें सिग्नेचर डायलॉग होता था, “मम्मी भूख लगी है.” “दो मिनट” और फिर उबले हुए मैगी नूडल्स के साथ भाप से भरा एक बर्तन स्क्रीन पर दिखाई देता है? उस समय, यह भारतीय उपभोक्ताओं के लिए स्कूल से या खेलकर लौटने वाले भूखे बच्चों के लिए एक त्वरित समाधान के रूप में पेश किया गया था.

उन्मेष गुजराथी
स्प्राउट्स एक्सक्लूसिव

पीछे मुड़कर देखें, तो यह दो दशक से अधिक समय हो गया, जब देश के दूरदराज के इलाकों में इडियट बॉक्स के पहुंचने के साथ यह फूड शहरी, अर्ध शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के घर-परिवारों में लोकप्रिय हुआ.

उस समय स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बारे में जानकारी बहुत कम थी. जैसे ही विभिन्न फास्ट फूड और इंस्टैंट मेक श्रेणी के खाद्य उत्पादों में हानिकारक सामग्री के बारे में मीडिया रिसर्च और खोजी रिपोर्ट्स आने लगीं, तो मीडिया में आने वाली ऐसी रिपोर्ट्स को दबाने या बदनाम करने की कोशिश करने का व्यवस्थित प्रयास भी शुरू हो गया.

इस पर हाल ही में समाप्त हुए दौर में कि इस तरह के लोकप्रिय फूड ब्रांड्स के निर्माण में क्या चल रहा है, स्प्राउट्स (Sprouts) की अध्यक्षता वाली स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) (Special Investigation Team (SIT) ने पाया कि इस तरह के लोकप्रिय खाद्य उत्पादों के प्रमुख घटक,

अर्थात् ऑल पर्पज फ्लोर (All Purpose Flour), जिसे हिंदी में मैदा कहा जाता है, एक ज्ञात एजेंट है जो प्रमुख स्वास्थ्य खतरों का कारण बनता है. हकीकत में, सामान्य समझ रखने वाले लोग भी बता सकेंगे कि मैदा मधुमेह रोगियों (diabetics) के लिए जहर होता है. 

एसआईटी के स्कैनर के तहत उत्पादों की सूची में मैगी ओट्स नूडल्स (Maggi Oats Noodles), मैगी मसाला नूडल्स (Maggi Masala Noodles), मैगी आटा नूडल्स (Maggi Atta Noodles) और मैगी चिकन नूडल्स (Maggi Chicken Noodles) शामिल हैं. वास्तव में, पोषक तत्व सामग्री के रूप में प्रमोट की जानेवाली चिकन नूडल्स में पाउडर के रूप में केवल पांच प्रतिशत चिकन के टुकड़े होते हैं.

ये सभी उत्पाद जो अब लोकप्रिय रूप से घरों में उपयोग किए जा रहे हैं, नेस्ले (Nestle) कंपनियों के हैं. जब अंतिम उपयोगकर्ताओं को होनेवाले स्वास्थ्य संबंधी खतरों की बात आती है तो उनका कोई भी प्रतिस्पर्धी बेहतर नहीं है. चाहे वह पतंजलि आटा नूडल्स (Patanjali Atta Noodles) हो, यिप्पी आटा नूडल्स (Yippee Atta Noodles) या मैगी आटा नूडल्स (Maggi Atta Noodles), इन सभी में मैदा या आटे की मात्रा बहुत अधिक होती है. एसआईटी को निर्णायक डेटा मिला, जो यह स्थापित करता है कि ये उत्पाद मानव उपभोग के लिए अस्वास्थ्यकर और हानिकारक हैं.

उदाहरण के लिए मैगी ओट्स नूडल्स को ही ले लीजिए.  ओट्स शब्द से पता चलता है कि यह एक स्वस्थ पौष्टिक उत्पाद है. हालांकि, मैगी ओट्स नूडल में केवल 39% ही ओट्स का आटा होता है, बाकी सब मैदा है. जाहिर तौर पर, इस उत्पाद को ओट्स टैब देना एक भ्रामक दावा है जो इसे पौष्टिक खाद्य उत्पाद होने के आलोक में पेश करता है.

हालांकि, तथ्य यह है कि इस “पौष्टिक” उत्पाद में 50% से अधिक मैदा शामिल है जो लंबे समय में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. एसआईटी ने इंग्रेडिएंट्स (ingredients) को थिकनेस (thickness), एसिडिटी रेगुलर (acidity regular) और ह्यूमेक्टैंट (humectant) जैसे नाम भी दिए हैं. यह बताया गया है कि उत्पाद की शेल्फ लाइफ को बढ़ाने के उद्देश्य से ऐसी सामग्री का उपयोग किया जाता है. मैगी ओट्स नूडल्स के मामले में मूल कंपनी इसे 15% फाइबर युक्त बताकर प्रमोट कर रही है.

यह विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए कैलोरी का उच्च प्रतिशत पैदा करता है जिनके स्वस्थ सेवन के लिए नियमित कैलोरी 1500 होने की सिफारिश की जाती है. एसआईटी ने हानिकारक अवयवों की लिस्ट बनाई है यथा मैदा (maida), सोडियम (Sodium), एसिडिटी रेगुलर (Acidity Regular), थिकनेस (Thickness), ह्यूमेक्टैंट्स (Humctants), फ्लेवर एन्हांसर्स (flavour enhancers) और कलर्स (colours). 

चिंग्स ब्रांड के रासायनिक अवयवों में सोडियम (Sodium), हाइड्रोजन कार्बोनेट (hydrogen carbonate), डाइसोडियम 5 – इंसिनेट (Disodium 5 – Insinate), सिलिकॉन डाइऑक्साइड (silicon dioxide) और टर्शियरी ब्यूटिहाइड्रॉग यूइनोन (Tertiary Butyhydrog Uinone) शामिल हैं.

स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान की एक स्पष्ट तस्वीर देने के लिए, खराब कोलेस्ट्रॉल (bad cholesterol) में वृद्धि, फ्लेब (अधिक मांस) बढ़ाना (putting on flab (more flesh), धमनियों का बंद होना (clogging of arteries), रक्तचाप (blood pressure) में वृद्धि, उच्च रक्त शर्करा (high blood sugar),

बार-बार भूख लगना (causing repeated bouts of hunger), मिठाई के लिए लालसा (craving for sweets) पैदा करना अकेले मैदा के दुष्प्रभाव हैं और मनोवैज्ञानिक रूप से यह अत्यधिक मिजाज परिवर्तन का कारण बन सकता है जो स्वास्थ्य के लिहाज से और भी विनाशकारी हो सकता है. 

स्प्राउट्स के डेस्क से:

यह सही समय है कि लोग इस तरह के नकली हेल्थ फूड खाने के प्रलोभन के परिणामों के प्रति जागें और बाजार को बता दें की अब वे खराब चीजें नहीं खरीदेंगे. पोषण के बारे में किए गए ऐसे झूठे दावों को कानून के कटघरे में लाने के लिए स्वास्थ्य संबंधी खतरों की समस्या के प्रभारी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) (Food and Drugs Administration (FDA) को  केंद्र और राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करना चाहिए. 

Related posts
EducationTrending News

Fake PhD Racket Exposed: Vivek Bindra, Madhu Krishan Under Scrutiny.

5 Mins read
Fake PhD Honorary Doctorates for Sale in India • Vivek Bindra, Madhu Krishan Under Fire • Sprouts News Exposes Fake PhD Degree…
EducationTrending News

What is Cursor AI Used For? An In-Depth Guide for Developers and Tech Enthusiasts

4 Mins read
Cursor AI: AI CODE EDITOR:  In the fast-evolving world of artificial intelligence, tools like Cursor AI are emerging as game-changers for developers…
EducationExclusive

NMC Probes Illegal MBBS Fees of ₹32 Lakh at DY Patil College to Fifth-Year Student.

2 Mins read
NMC Cracks Down on Illegal MBBS Fees • DY Patil College Faces MBBS Fee Fraud Probe • DMER Under Fire for MBBS…