केनरा बैंक ने किया बड़े उद्योगपतियों का 1. 29 लाख करोड़ कर्ज माफ

Unmesh Gujarathi
3 Min Read
SPROUTS OCT 13 2022 All PRINT 1

उन्मेष गुजराथी

स्प्राउट्स एक्सक्लूसिव

केनरा बैंक द्वारा 11 वर्ष की अवधि में बड़े डिफॉल्टर्स के 1.29 लाख करोड़ रुपये के बैड लोन राइट ऑफ किए गए हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि बैंक प्रबंधन ने इन उद्योगपतियों के नामों का खुलासा करने से इनकार कर दिया है. यह चौंकाने वाली जानकारी सबूत के साथ ‘स्प्राउट्स’ के हाथ लगी है.

केनरा बैंक भारत में चौथा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक (PSU) है. ‘स्प्राउट्स’ की स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) ने पहले संदेह व्यक्त किया था कि इस बैंक द्वारा 2011-2012 से 2021-2022 तक 11 वर्षों की अवधि के दौरान अवैध तरीके से बड़े उद्योगपतियों को कर्ज दिए गए थे. सूचना के अधिकार से अब यह जानकारी सामने आई है कि बैंक प्रशासन ने बड़े डिफॉल्टर्स का (प्रत्येक कर्ज की रकम 100 करोड़ रुपये से अधिक) 1,29,088 करोड़ रुपये कर्ज माफ कर दिया है.

यहां तक ​​कि अगर एक सामान्य उधारकर्ता देर से भुगतान करता है, तो बैंक उस पर ब्याज लेता है. लेकिन इन बड़े डिफॉल्टर्स का कर्ज राइट ऑफ यानी माफ कर दिया गया है.

सूचना का अधिकार अधिनियम का उल्लंघन :

यदि सामान्य डिफाल्टर चूक करते हैं तो उनके नाम तत्काल समाचार पत्रों में प्रकाशित किए जाते हैं. लेकिन, बैंक प्रशासन ने इन माफ किए गए बड़े डिफॉल्टर्स के नाम अखबारों के जरिये तो दूर सूचना के अधिकार के अंतर्गत भी देने से साफ मना कर दिया है. वास्तव में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत इसके बारे में सभी जानकारी देना अनिवार्य है, लेकिन इस अधिनियम का उल्लंघन किया गया है.

स्प्राउट्स को बैंक प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी में कहा गया है कि यह जानकारी गोपनीय है और इसके खुलासे से संबंधित डिफॉल्टर्स की गोपनीयता भंग हो जाएगी. इसके लिए बैंक प्रशासन ने आरटीआई एक्ट की धारा 8 (1) (जे) का सहारा लिया है.

‘स्प्राउट्स’ की एसआईटी की जांच के अनुसार, बैंक ने यह आधार इसलिए खोजा है ताकि बैंक का अपना पर्दाफाश न हो सके. उसके लिए, सूचना के अधिकार की धारा 8 (1) (जे) की अपनी सुविधानुसार गलत व्याख्या की गई है और बैंक यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी सावधानी बरत रहा है कि यह मामला प्रकाश में न आए.

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With over 28 years of experience, Unmesh Gujarathi stands as one of India’s most credible and courageous investigative journalists. As Editor-in-Chief of Sprouts, he continues to spearhead the newsroom’s hard-hitting journalism.
Past Editorial Roles:
•DNA (Daily News & Analysis) •The Times Group •The Free Press Journal
•Saamana •Dabang Dunia •Lokmat
Education:
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Beyond his editorial leadership, Unmesh is a prolific author, having written over 12 books in Marathi and English on subjects such as Balasaheb Thackeray, the RTI Act, career guidance, and investigative journalism.
A regular contributor to national dailies and digital platforms, his work continues to inform, challenge, and inspire.
• A journalist. A leader. A voice for the people.