कंपनियों द्वारा हानिकारक रसायनों का उपयोग कर भारी लूट
उन्मेष गुजराथी
स्प्राऊट्स Exclusive
भारतीय बाजार में उपलब्ध इन लोकप्रिय ब्रांड्स में से अधिकांश में सोडियम लॉरिल सल्फेट (Sodium Lauryl Sulphate (SLS) एक सामान्य अवयव (ingredient) होता है, जो दांतों को ब्रश करने पर झाग उत्पन्न करता है. लेकिन एसएलएस संवेदनशील दांतों और मसूड़ों में जलन भी पैदा कर सकता है.
एक कीटनाशक के रूप में वर्गीकृत और डिटर्जेंट में प्रयोग किए जानेवाले एसएलएस का उपयोग कर निर्मित पेस्ट द्वारा दांतों को नियमित रूप से ब्रश करने से यह हृदय, यकृत, फेफड़े और मस्तिष्क में जमा हो सकता है. एसएलएस त्वचा में जलन और मुंह में छाले भी कर सकता है.
इसके अलावा, फ्लोराइड एक अन्य हानिकारक पदार्थ है. पतंजलि के दंतकांति और सेंसोडाइन टूथपेस्ट (Patanjali’s Dantkanti and Sensodyne toothpaste) सहित कई टूथपेस्ट्स में फ्लोराइड (fluoride) होता है. फ्लोराइड जहरीला होता है. अगर निगल लिया जाए तो यह 2 से 4 घंटे के भीतर किसी भी छोटे बच्चे को मार सकता है. इसी तरह 2.8 ग्राम फ्लोराइड का उपभोग एक वयस्क पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है.
मानव मुंह अत्यधिक शोषक होता है जिसमें टूथपेस्ट में छिपे रसायन तेजी से अवशोषित हो जाते हैं. यही कारण है कि इनमें से कुछ टूथपेस्ट्स पर यह चेतावनी लिखी होती है कि 6 साल से कम उम्र के बच्चों को वयस्कों की देखरेख में ब्रश कराना चाहिए और उनके माता-पिता को बच्चों को टूथपेस्ट निगलने से बचाना चाहिए. टूथपेस्ट मीठा होने के कारण बच्चे हमेशा उसे निगल जाते हैं.
हिमालया स्पार्कलिंग टूथपेस्ट, डाबर बबूल, डाबर मेसवॉक, डाबर रेड टूथपेस्ट जैसे अन्य टूथपेस्ट्स में ज्यादा फ्लोराइड तो नहीं होता है लेकिन उनमें स्वास्थ्य के लिए खतरनाक अन्य अवयव (ingredients) होते हैं.
हिमालया स्पार्कलिंग टूथपेस्ट में एसएलएस, बबूल, डाबर मेसवॉक में ट्राईक्लोसन (Triclosan) होता है, जो मानव शरीर के लिए बहुत ही खतरनाक रसायन है. साबुन में ट्राईक्लोसन के इस्तेमाल पर पहले ही प्रतिबंध लगाया जा चुका है. इसके अलावा, यह स्तन और वृषण कैंसर से जुड़ा हुआ है.
रेड टूथ पेस्ट में प्रेजर्वेटिव्स और विशेष खतरनाक केमिकल्स का इस्तेमाल होता है. हिंदुस्तान यूनिलीवर के आयुष वाइटनिंग टूथपेस्ट में सेंधा नमक, कृत्रिम रंग और प्रेजर्वेटिव्स होते हैं. हिंदुस्तान यूनिलीवर के आयुष क्लोव ऑयल टूथपेस्ट में फ्लोराइड होता है.
इन सभी टूथपेस्ट्स की तुलना में, विक्को लेबोरेटरी का संपूर्ण आयुर्वेदिक टूथपेस्ट बच्चों के लिए भी कहीं बेहतर और सुरक्षित लगता है.
आयुर्वेद और दांतों की देखभाल (Ayurveda and Dental Care)
मूल रूप से आयुर्वेद किसी भी सिंथेटिक टूथपेस्ट के उपयोग की अनुशंसा नहीं करता है. आयुर्वेद रोगों के निवारण के लिए सुबह के साथ-साथ हर भोजन के बाद दातुन करने की सलाह देता है. नीम की दातुन करना सबसे अच्छा सुझाव है. इसके अलावा, नीम और किसी भी अन्य पाउडर को उंगली से लगाकर दांतों को साफ किया जा सकता है और ब्रश की आवश्यकता नहीं होती है.
हालाँकि, लगभग नौ इंच लंबी और छोटी उंगली की मोटाई वाली हर्बल दातुन होती हैं. ऐसा माना जाता है कि इन दातुन को चबाने से काटने वाली सतहों का क्षरण और समतलन होता है, लार स्राव सुगम होता है और संभवतः, तालु के नियंत्रण में मदद मिलती है, जबकि कुछ दातुन में बैक्टीरिया-रोधी क्षमता (anti-bacterial action) होती है.
प्राचीन आयुर्वेद में वर्णित सभी दातुन में औषधीय और एंटी-कारियोजेनिक गुण (anti-cariogenic properties) होते हैं.
बहु रंगी पेस्ट और उच्च कीमतों
पहले के समय में लगभग सभी टूथपेस्ट्स में सफेद स्वाथ होता था. वर्तमान में, उपयोगकर्ताओं को अलग-अलग रंग के स्वाथ से लुभाया जाता है. कोलगेट मैक्स फ्रेश में नीले रंग का स्वाथ होता है. डाबर रेड में लाल रंग का पेस्ट होता है, लेकिन सफेद स्वाथ होता है. फिर ऐसे कई टूथपेस्ट्स हैं जिन पर “हर्बल टूथपेस्ट” का लेबल लगा होता है. हालांकि ये सभी टूथपेस्ट्स निर्माता बहुत अधिक कीमतों पर उत्पादों की पेशकश करके उपभोक्ताओं को लुभाते हैं.
पतंजलि, झूठ का पुलिंदा (bundle of lies)
बाबा रामदेव के स्वामित्व वाली पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड (पीएएल) कोरोनिल किट से लेकर इम्युनिटी बूस्टर, स्वास्थ्य उत्पादों से लेकर हर्बल उत्पादों तक कई उत्पादों की मार्केटिंग कर रहा है. हालांकि इन उत्पादों के आयुर्वेदिक अवयवों (ingredients) पर आधारित होने का दावा किया जाता है, लेकिन लगभग सभी उत्पादों में रसायन होते हैं और इनमें एलोपैथिक सामग्री (contents) भी होती है.
पीएएल विभिन्न औषधीय जड़ी बूटियों से दंत्य विकारों को रोकने के लिए दंत्य चिकित्सा में अनुसंधान करने का दावा करता है. यह बैक्टीरिया को रोकने के लिए टूथपेस्ट में कुछ तनों और जड़ी-बूटियों का उपयोग करने का दावा करता है. हालांकि इसके टूथपेस्ट में भी फ्लोराइड होता है जो एक वयस्क के भी दंत्य स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) ने पहले ही पतंजलि उत्पादों को “झूठ का पुलिंदा” करार दिया है. इसकी असंगत उत्पाद गुणवत्ता ज्ञात है और हाल ही में इसने अपने कई चिकित्सालय बंद कर दिए हैं.