धोखेबाज बिल्डर के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय चले नवाब के वारिस

Unmesh Gujarathi
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20 JAN 2023 SPROUTS ALL PRINT 1A 1

उन्मेष गुजराथी
स्प्राउट्स एक्सक्लूसिव

दिलीप ठक्कर (Dilip Thacker) ने सतारा जिला के महाबलेश्वर में कलेक्टर की जमीन से संबंधित फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 50 करोड़ का कर्ज लिया. 

निजाम के वंशज (Nizam’s descendant) बरकत अली खान (Barkat Ali Khan) के उत्तराधिकारियों ने शापूरजी पालनजी फाइनेंस प्रा. लिमिटेड (Shapoorji Pallonji Finance Pvt Ltd) से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 50 करोड़ रुपये का कर्ज लेनेवाले धोखेबाज दिलीप ठक्कर के खिलाफ अपनी शिकायतों के निवारण के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का निर्णय किया है.

जालसाज ठक्कर ने मूल रूप से 99 साल के पट्टे पर हैदराबाद के निजाम के स्वामित्व के महाबलेश्वर हिल स्टेशन स्थित बंगले पर अतिक्रमण करने का प्रयास किया, जिसकी कीमत अब 250 करोड़ रुपये से भी अधिक है. फर्जी दस्तावेजों की मदद से ठक्कर ने शापूरजी पालनजी फाइनेंस प्रा. लिमिटेड से 50 करोड़ का कर्ज लिया. निजाम के वंशज बरकत अली खान संपत्ति के असली मालिक थे और वे इस मामले को अदालत में ले गए. पुलिस की मदद से बंगले को सील करने वाले सतारा के कलेक्टर रुचेश जयवंशी (Ruchesh Jaivanshi) के साहसिक हस्तक्षेप के बाद यह विवाद अब सुप्रीम कोर्ट में कानूनी विवाद में फंस गया है.

ज्ञात हो कि दिलीप ठक्कर ने स्थानीय पार्षद कुमार गोरखनाथ शिंदे (Kumar Gorakhnath Shinde) को विवादित बंगले का संरक्षक नियुक्त किया था. शिंदे की पत्नी महाबलेश्वर नगर परिषद की मेयर हैं, और खुद शिंदे का भी कई गंभीर अपराधों के साथ एक लंबा आपराधिक रिकॉर्ड है.

इन तथ्यों के आलोक में, यह विशेष रूप से चिंताजनक है कि ठक्कर द्वारा ऐसे व्यक्ति को संपत्ति की देखरेख के लिए नियुक्त किया गया था. इसके अलावा, शिंदे ने कथित तौर पर अपने प्रभाव का उपयोग करते हुए अन्य बंगलों पर भी कब्जा कर लिया है, जिससे नवाब मीर बरकत अली खान बहादुर ने शिंदे की गतिविधियों की गहन जांच के लिए उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस (Deputy Chief Minister and Home Minister Devendra Fadnavis) के पास याचिका दायर की थी.

सतारा कलेक्टर रुचेश जयवंशी ने ही शिंदे के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की थी. स्थानीय नगरसेवक अपनी पत्नी के साथ वुडलॉन्स (Woodlawns) बंगले में अवैध रूप से रह रहा था. तहसीलदार सुषमा चौधरी (Sushma Chowdhary) ने पुलिस के सहयोग से, शिंदे के जवाबी कार्रवाई के प्रयासों के बावजूद संपत्ति को अपने कब्जे में लेने और सील करने के मिशन को प्रभावी ढंग से पूरा किया था. अंत में, उसके प्रयास असफल रहे, क्योंकि जयवंशी के हस्तक्षेप की जीत हुई.

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With over 28 years of experience, Unmesh Gujarathi stands as one of India’s most credible and courageous investigative journalists. As Editor-in-Chief of Sprouts, he continues to spearhead the newsroom’s hard-hitting journalism.
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