पत्रकार कोटे का फ्लैट हथिया लिया ‘नवभारत’ का डायरेक्टर

Unmesh Gujarathi
3 Min Read

SPROUTS OCT 15 2022 All FINAL 1

फर्जीवाड़े में नवभारत प्रबंधन के कई लोग शामिल

उन्मेष गुजराथी
स्प्राउट्स Exclusive

वर्ष 2002 में सिडको द्वारा सानपाड़ा (पूर्व) में कर्मचारियों के लिए घर की शर्त पर हिंदी दैनिक नवभारत को जमीन अलॉट की गई थी. कर्मचारियों को नवभारत प्रबंधन ने घर बनाकर नहीं दिया, उल्टे तत्कालीन डायरेक्टर देशभूषण कुलभूषण शर्मा (डी.बी. शर्मा) ने म्हाडा के पत्रकार कोटे का पवई में निर्मित फ्लैट फर्जीवाड़ा कर हथिया लिया. इस फर्जीवाड़े में मालिक विनोद रामगोपाल माहेश्वरी, तत्कालीन प्रेसीडेंट विवेक प्रसाद, क्लर्क से एचआर मैनेजर बने अच्छाला श्रीनिवास (ए. श्रीनिवास राव) व तत्कालीन मैनेजर प्रकाश वाल्वे की भूमिका रही. यह सनसनीखेज जानकारी स्प्राउट्स की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की जांच-पड़ताल में सामने आई है.

शर्मा कैसे बना पत्रकार?
ए. श्रीनिवास ने क्लर्क रहते जनरल मैनेजर के रूप में दस्तखत कर शर्मा को चीफ सब-एडीटर (वर्ष 1998) का लेटर दिया, जबकि उस समय श्रीनिवास खुद क्लर्क था. वहीं दूसरी ओर 11 वर्ष बाद अपना ही डिमोशन दिखाते हुए श्रीनिवास ने डी.बी. शर्मा के सैलरी स्लिप (वर्ष 2009) पर एचआर मैनेजर के रूप में सिग्नेचर किया, वहीं विवेक प्रसाद ने शर्मा की वार्षिक आय और नियुक्ति तिथि (वर्ष 1994) के पत्र पर सिग्नेचर किया, जबकि मुंबई से नवभारत का प्रकाशन 1997 में हुआ. वहीं प्रकाश वाल्वे ने खबरों की कटिंग सत्यापित की.

ठाणे के मजिस्ट्रेट ने भी दिया साथ
अपनी जांच-पड़ताल में स्प्राउट्स की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने पाया कि ठाणे के तत्कालीन एक्जक्युटिव मजिस्ट्रेट विमल कोली ने शर्मा को सिर्फ 1 दिन में (वर्ष 22 जनवरी 2009) पैन कार्ड और नवभारत के सर्टिफिकेट पर डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी कर दिया, जबकि आम जनता के लिए 10 वर्ष का निवास प्रमाण पत्र जरूरी होता है.

रद्द हुआ एक्रीडेशन कार्ड
स्प्राउट्स की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम को यह भी जानकारी मिली कि आवश्यक कागजात न देने पर वर्ष 2018 में डी.बी. शर्मा का एक्रीडेशन कार्ड रत्नागिरी में हुई राज्य अधिस्वीकृति समिति की बैठक में रद्द कर दिया गया, लेकिन अभी तक शर्मा को म्हाडा द्वारा आबंटित फ्लैट रद्द नहीं किया गया है. पत्रकारों के हक पर कब्जा जमाने वाले अपने कर्मचारियों के लिए कभी नहीं सोचे. प्रशासन भी इनके साथ बिना छानबीन के सब कुछ तैयार करता रहा. उसी का फायदा डी.बी. शर्मा ने उठाया और म्हाडा का फ्लैट हथिया लिया.


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With over 28 years of experience, Unmesh Gujarathi stands as one of India’s most credible and courageous investigative journalists. As Editor-in-Chief of Sprouts, he continues to spearhead the newsroom’s hard-hitting journalism.
Past Editorial Roles:
•DNA (Daily News & Analysis) •The Times Group •The Free Press Journal
•Saamana •Dabang Dunia •Lokmat
Education:
•Master of Commerce (M.Com) •MBA •Degree in Journalism
Beyond his editorial leadership, Unmesh is a prolific author, having written over 12 books in Marathi and English on subjects such as Balasaheb Thackeray, the RTI Act, career guidance, and investigative journalism.
A regular contributor to national dailies and digital platforms, his work continues to inform, challenge, and inspire.
• A journalist. A leader. A voice for the people.