जालसाजों की गिरफ्त में राजभवन

Unmesh Gujarathi
3 Min Read

12 JAN 2023 SPROUTS STORY PG 1

उन्मेष गुजराथी
स्प्राउट्स एक्सक्लूसिव

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) को सस्ती प्रसिद्धि का बहुत शौक है. इसके लिए वे आए दिन ‘राज्यपाल’ के संवैधानिक पद और सरकारी भवन ‘राजभवन’ का दुरुपयोग कर रहे हैं. आज तक उन्होंने मधु कृष्ण (Madhu Krishan), लोकेश मुनि (Lokesh Muni), पीयूष पंडित (Peeyush Pandit), योगेश लखानी (Yogesh Lakhani  – Bright Outdoor Media) जैसे कई फर्जी पीएचडी  धारक और  विक्रेताओं को सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया था. ‘स्प्राउट्स’ की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम को सनसनीखेज जानकारी मिली है कि 9 जनवरी को राजभवन में फर्जी डॉक्टर हरित कुमार को भी राज्यपाल ने सार्वजनिक रूप से सम्मानित  किया था.

राज्यपाल कोश्यारी राजभवन में अब तक अंडरवर्ल्ड से सम्बंधित अपराधियों, आरोपियों, सामाजिक कुरीतियों और कई विकृत कृत्यों को अंजाम देने वालों का सम्मान कर चुके हैं. आज भी वे प्रतिदिन राजभवन में सैकड़ों लोगों का पुरस्कार देकर सम्मान करते हैं.

कोश्यारी ने अब तक किसी भी सामाजिक या शैक्षणिक समस्या का समाधान नहीं किया है. इतना ही नहीं कई भ्रष्टाचारियों को राजभवन में बुलाकर सम्मानित किया गया है. सामाजिक रूप से उनका शुद्धिकरण किया गया है. 

नवी मुंबई, महाराष्ट्र में ‘डी. वाई पाटिल विश्वविद्यालय (D. Y. Patil University) में ‘आयुर्वेद विद्यालय’ नामक एक महाविद्यालय है. जालसाज महेश कुमार हरित (Mahesh Kumar Harit) कई वर्षों से इस महाविद्यालय के ‘डीन’ पद पर कार्यरत है. दिलचस्प बात यह है कि इस जालसाज की 10वीं और 12वीं सहित डॉक्टर की डिग्री भी फर्जी है. लेकिन फिर भी महाराष्ट्र काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (Maharashtra Council of Indian Medicine(MCIM) के महाभ्रष्ट रजिस्ट्रार डॉ. दिलीप वांगे (Dr Dilip Wange) ने उसका रजिस्ट्रेशन किया है और उसका नवीनीकरण भी किया है. यह सारा काम उन्होंने अवैध तरीके से किया है.

यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यूजीसी) (University Grants Commission (UGC) ने भी जालसाज हरित के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया है. लेकिन यह आदेश भी ‘डी. वाई पाटिल विश्वविद्यालय ने रद्दी की टोकरी में फेंक दिया है. ठाणे सत्र न्यायालय में यह मामला अभी भी चल रहा है. इसके अलावा कई सरकारी एजेंसियों के जरिये इस जालसाज की जांच जारी है. लेकिन ‘डी. वाई पाटिल विश्वविद्यालय ने हमेशा इस जालसाज का समर्थन किया है.

गलत कामों में उसका सहयोग करने वाले डॉ. दिलीप वांगे महाभ्रष्ट हैं. वांगे ने लगातार 15 साल के दौरान करोड़ों का काला धन जमा किया है. इन सबकी भ्रष्ट कारगुजारियों को राज्यपाल कोश्यारी के कथित सचिव उल्हास मुणगेकर (Ulhas Mungekar) ने आशीर्वाद दिया है. सचिव उल्हास मुणगेकर की नियुक्ति भी अवैध तरीके से की गई है. इस तीसरे जालसाज के कारण ही राजभवन में  हरित, डॉ. वांगे जैसे जालसाजों की उपस्थिति बढ़ गई है.

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With over 28 years of experience, Unmesh Gujarathi stands as one of India’s most credible and courageous investigative journalists. As Editor-in-Chief of Sprouts, he continues to spearhead the newsroom’s hard-hitting journalism.
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Beyond his editorial leadership, Unmesh is a prolific author, having written over 12 books in Marathi and English on subjects such as Balasaheb Thackeray, the RTI Act, career guidance, and investigative journalism.
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