बदमाश विलियम के लिए पोप का कानूनी सिद्धांत गैर कानूनी

Unmesh Gujarathi
5 Min Read

26 JAN 2023 SPROUTS STORY PG 1 2ND FRONT

पोप का नियम – कर्तव्य पर अपवित्र, अवकाश पर पवित्र

उन्मेष गुजराथी
स्प्राउट्स एक्सक्लूसिव

मैसूरु कैथोलिक डायोसीज (Mysuru Catholic diocese) के बदनाम पूर्व-बिशप के. ए. विलियम (ex-Bishop K. A. William) को उच्च न्यायालय के पूर्व जस्टिस माइकल सल्ढाना (Michael Saldhana), एसोसिएशन ऑफ कंसर्नड कैथोलिक्स (Association of Concerned Catholics (AOCC),

छोटेभाई के इंडियन कैथोलिक फोरम (Indian Catholic Forum (ICF) – कानपुर, मैसूर डायोसीज एक्शन कमिटी (Mysore Diocese Action Committee) और कुछ मुखर स्वतंत्र मीडिया हाउसेस (आपके वफादार – स्प्राउट्स सहित) के बढ़ते दबाव के कारण छुट्टी पर जाने के लिए मजबूर किया गया था.

हालांकि, धोखाधड़ी, हत्या, अपहरण, यौन शोषण, आदि के भारी सबूतों के बावजूद पोप फ्रांसिस (Pope Francis), कार्डिनल ग्रेसियस (Cardinal Gracias) और लगातार दो दिल्ली स्थित नुन्सिओ (Nuncio) द्वारा उन्हें आश्चर्यजनक रूप से एक बहुत लंबा समय (4 वर्ष) दिया गया था. ऐसा लगता है कि फ्रांसिस, ग्रेसियस और दो नुन्सिओ ने के ए विलियम की मदद करने के लिए कानूनी सिद्धांत को गैरकानूनी सिद्धांत में बदल दिया.

स्प्राउट्स (Sprouts) की एसआईटी के पास उन दस्तावेजों की प्रतियां हैं जो 4 साल पहले पोप फ्रांसिस, ग्रेसियस और तत्कालीन नुन्सिओ को भेजे गए थे जो उनकी प्राप्ति के समय, सामान्य परिस्थितियों में निकृष्टतम प्रबंधन / धार्मिक प्रमुखों को भी विलियम को गर्म ईंट की तरह छोड़ने के लिए मजबूर किया होता.

लेकिन पोप फ्रांसिस, कार्डिनल ग्रेसियस, और दिल्ली में लगातार दो नुन्सिओ को या तो विलियम के अपराधों की विशालता को समझने में 4 साल लग गए या वैटिकन और स्थानीय भारतीय कोठियों से लगभग हर दिन नियमित रूप से बाहर आनेवाले अपने निजी अपराधों और पदों को बचाने के लिए जानबूझकर गूंगा, बहरा और अंधा होने का ढोंग किया.

6 अलग-अलग बैंकों में अक्षरों की व्यवस्था में थोड़े बदलाव (बहुत चतुराई से किए गए) के साथ, अलग-अलग 6 नामों से विलियम के छह अलग-अलग बैंक खाते एक स्कूली छात्र के लिए भी जादुई खातों की बाजीगरी का पता लगाने के लिए पर्याप्त थे.

हालांकि, दुनिया के सबसे बड़े धर्म और शायद दुनिया में सबसे बड़े खातों के प्रमुख पोप फ्रांसिस के साथ-साथ भारत के सबसे अमीर डायोसीस भारतीय कैथोलिक चर्च के प्रमुख और चर्चों के सुशासन हेतु पोप के सलाहकार माने जाने वाले हमारे अपने कार्डिनल ग्रेसियस को विलियम की महान बाजीगरी और धोखे की कला में कुछ भी गलत दिखाई नहीं दिया.

इन छह बैंक खातों से पता चलता है कि विलियम ने चर्च के खातों से अपनी बहन, प्रेमिकाओं, बीमा और अपने स्वयं के व्यक्तिगत खाते में लाखों का हस्तांतरण किया, जिससे फ्रांसिस और उनकी टीम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा जैसे कि चर्च चलाने के लिए कानून बिशप की ड्यूटी पर और अब पूर्व बिशप के रूप में छुट्टी पर होने वाले ‘डिअर डैडी’ (Dear Daddy) विलियम द्वारा की गई हत्याओं, अपहरण, लूटपाट, यौन शोषण के लिए अनुपयुक्त था.

यहां तककि डैडी द्वारा अपने नाम से उसके डुप्लीकेट बेटे को जन्म देनेवाली उसकी प्रेमिका सुनीता (Sunitha) के नाम पर लगभग 8 लाख रुपये की कीमत की एक बिल्कुल नई कार – मारुति सेलेरियो (Maruti Celerio) (केए 55 एम 8443) का ट्रांसफर दर्शानेवाला आरटीओ का रजिस्ट्रेशन दस्तावेज भी फ्रांसिस, ग्रेसियस और लियोपोल्डो (Leopoldo) को प्रभावित करने में विफल रहा.

वह ‘डैडी’ मैसूरु में एक वास्तविक तथ्य था और जो जीसस के शुद्ध शरीर और रक्त को धारण करने के योग्य सच्चा ब्रह्मचारी, स्वच्छ, विनम्र व्यक्ति नहीं था और फिर मैसूरु चर्चों में गड्डियों के बाद गड्डियां वफादारों को भेंट करता था, यह भी पोप, ग्रेसियस, नुन्सिओ को प्रभावित न कर सका.

फ्रांसिस, ग्रेसियस, और दो नुन्सिओ ने अपनी निष्क्रियता से अपने हाथों और आत्माओं को विलियम के गंदगी, बदबू, लूट और यौन कृत्यों से भरे हुए खून से सने हाथों और आत्मा के साथ एक करके कलंकित कर लिया है.

या हो सकता है कि वे भी ‘दुष्ट, कुटिल डैडी विलियम’ के समान चरित्र के बने हों और इसलिए प्राकृतिक सहानुभूति और आज तक लंबी असामान्य अवधि तक उसका वचाव किया हो?

Share This Article
With over 28 years of experience, Unmesh Gujarathi stands as one of India’s most credible and courageous investigative journalists. As Editor-in-Chief of Sprouts, he continues to spearhead the newsroom’s hard-hitting journalism.
Past Editorial Roles:
•DNA (Daily News & Analysis) •The Times Group •The Free Press Journal
•Saamana •Dabang Dunia •Lokmat
Education:
•Master of Commerce (M.Com) •MBA •Degree in Journalism
Beyond his editorial leadership, Unmesh is a prolific author, having written over 12 books in Marathi and English on subjects such as Balasaheb Thackeray, the RTI Act, career guidance, and investigative journalism.
A regular contributor to national dailies and digital platforms, his work continues to inform, challenge, and inspire.
• A journalist. A leader. A voice for the people.