The revenue worth crores lost due to the spurious medicine manufacturing companies
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सिर्फ बिलिंग के लिए छापा आयकर व इंडियन एयर फोर्स का विज्ञापन
उन्मेष गुजराथी
स्प्राऊट्स Exclusive
कहते हैं ‘भेड़िए’ के मुंह जब इंसान का खून लग जाता है तो वह हमेशा इंसान के खून का ही भूखा हो जाता है. इंडियन रेलवे (उत्तर मध्य, उत्तर रेलवे व पश्चिम व मध्य रेलवे) का सिर्फ बिलिंग के लिए विज्ञापन छापने की हिंदी दैनिक ‘नवभारत’ को ऐसी लत लगी कि वह अब आयकर विभाग (आईटी) व इंडियन एयर फोर्स का भी विज्ञापन बिलिंग के लिए छापने लगा है. स्प्राउट्स की स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम के हाथ ‘नवभारत’ के इस गोरखधंधे का पक्का प्रूफ लगा है.
स्प्राउट्स की स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम के हाथ लगे सबूत के अनुसार ‘नवभारत’ ने चार (4) पेज की छपाई की है. जिसके पहले पेज पर भारतीय वायु सेना (आईएएफ) का 25×4 यानी क्वार्टर पेज का विज्ञापन छपा है और ऊपर की डेट लाइन वाली पट्टी पर 9 दिसंबर 2022 दिन शुक्रवार, नाशिक और अर्थजगत / समाचार विशेष दर्शाया गया है. जबकि मार्केट में सर्कुलेट हुई प्रति में पेज नं. 9 पर ‘चुनाव में भाजपा, कांग्रेस और आप के बड़े नेताओ का हाल’ शीर्षक से खबर छपी है. इसके अलावा दूसरे पेज यानी 10 नंबर पर लाइफ स्टाइल और तीसरे पेज अर्थ जगत / समाचार विशेष और पेज नं. 5 प्रिंट किया गया है और इसी पेज पर आयकर विभाग (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) का 30×5 कॉलम का विज्ञापन छापा गया है. अब बारी चौथे पेज यानी पेज नं. 7 की, जिसकी पट्टी पर यंग एंड कैरियर है.
इसी तरह रविवार 11 दिसंबर 2022 को भी ‘नवभारत’ ने बिलिंग के लिए 4 पेज की छपाई की है. इस पेज की पट्टी पर राजधानी और पेज नं. 7 दर्शाया गया है और पश्चिम मध्य रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग की निविदा का विज्ञापन छपा है, जबकि मार्केट में सर्कुलेट हुई प्रतियों में नागपुर, विलासपुर वंदेभारत एक्सप्रेस के शुभारंभ का पूरे पेज का विज्ञापन छपा है.
मजेदार बात यह है कि ‘नवभारत’ ने बिलिंग के लिए जो 4 पेज की छपाई की है, उसमें 2 पेज पर पेज नं. 7 व 2 पेज पर पेज नं. 8 दर्शाया गया है. ‘नवभारत’ का यह गोरखधंधा कितने वर्षों से चल रहा है, यह बताना मुश्किल है, लेकिन स्प्राउट्स की स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम के हाथ 2018 से लेकर 2022 तक के प्रूफ हाथ लगे हैं, जो यह साबित करते हैं कि संबंधित विभागों के अधिकारियों की मिलीभगत में ‘नवभारत’ (नागपुर, मुंबई नाशिक व पुणे) प्रबंधन सालाना हजारों करोड़ का ‘खेल’ इस तरह के विज्ञापन की छपाई करके कर रहा है. इसके साथ ही सरकार और आम जनता की आंखों में धूल झोंककर लोकतंत्र का चौथा स्तंभ होने का दंभ भर रहा है.