Education

किक्ड आउट विलियम ने लिया पत्नी का सहारा

1 Mins read

बर्खास्त बिशप यजमानुरु की पत्नी कर रही अभियान का नेतृत्व

उन्मेष  गुजराथी

sproutsnews.com

एक अजीब और सबसे अधिक मनोरंजक अंदाज में, मैसूरु, कर्नाटक के रोमन कैथोलिक डायोसीस  (कैथोलिक चर्च प्रशासन में एक भौतिक क्षेत्र) (Roman Catholic Diocese (a physical region in Catholic Church administration) of Mysuru, Karnataka) के बिशप के. ए. विलियम (Bishop K. A. William) की अनाधिकारिक लेकिन सार्वजनिक रूप से प्रसिद्ध पत्नी ने ‘माय यजमानुरु’ (पति का कन्नड़ संस्करण) नामक गेट बैक अभियान (get back drive) शुरू कर दिया है.

सही मायने में पूछताछ के दौरान विलियम को मैसूरु डायोसीस (Mysuru Diocese) से बाहर रहने के लिए कहा जाना चाहिए था. लेकिन स्प्राउट्स की एसआईटी (Sprouts SIT) को विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि वह ऑफ करुणापुरा मेन रोड, 

मैसूरु में अपनी बहन मैरी (Mary) के घर से सक्रिय रूप से काम कर रहा है, और लगता है कि उसकी पत्नी सुनीता (Sunitha) के अभियान के पीछे उसका दिमाग है.

पाठकों को याद होगा कि 2018 में मैसूरु डायोसीस के 100 विभिन्न प्रीस्ट्स में से 37 द्वारा शुरू किए गए उत्साही अभियान के 4 साल के लंबे अरसे के बाद विलियम को पोप फ्रांसिस (Pope Francis) (दुनिया के सबसे बड़े कैथोलिक्स धार्मिक समुदाय के प्रमुख) द्वारा  छुट्टी पर जाने के लिए मजबूर किया गया था.

जब  छोटेभाई की अध्यक्षता में इंडियन कैथोलिक फोरम (आईसीएफ), कानपुर (Indian Catholic Forum ( ICF ), Kanpur headed by Chottebhai), सोड्डर भाइयों के नेतृत्व में द एसोसिएशन ऑफ कंसर्नड कैथोलिक (एओसीसी), मुंबई ,  (The Association of Concerned Catholics ( AOCC ), Mumbai spearheaded by Sodder brothers), एओसीसी की बैंगलोर, पुणे बड़ौदा यूनिट्स (AOCC’s Bangalore, Pune, Baroda units), 

मुंबई और कर्नाटक उच्च न्यायालय के प्रतिष्ठित पूर्व जस्टिस माइकल सल्ढाना (Justice Michael Saldhana) जैसे देश के अग्रणी कैथोलिक संगठनों और कार्यकर्ताओं ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी तो प्रीस्ट्स के अभियान को और अधिक मजबूती मिली.

मैनेजमेंट गुरु – मुंबई के प्रसिद्ध ‘डॉन’ – कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेसियस (Cardinal Oswald Gracias) द्वारा ‘मैनेज’ नहीं हो सकने वाले, दो निर्भीक, निडर और स्वतंत्र मीडिया हाउस (यूएसए के चर्च मिलिटैंट (Church Militant of USA) और आपके वफादार ‘स्प्राउट्स’) ने किक आउट विलियम अभियान को अद्भुत और अथक मजबूती प्रदान की जिससे दुनिया भर में लाखों लोगों की सार्वजनिक दर्शकता ने फ्रांसिस को बैकफुट पर जाने के लिए मजबूर कर दिया.

शायद भारतीय कैथोलिक चर्च के इतिहास में पहली बार, पोप ने अपने चहेते बदमाश, अराजक विली बॉय (लगभग एक अजेय सूरमा) को सभी भत्तों के भुगतान वाले ‘मेडिकल’ अवकाश पर भेजा.

37 प्रीस्ट्स के कई आरोपों की व्यक्तिगत रूप से जांच करने के लिए मैसूरु के अविश्वसनीय 40 भौतिक दौरे करनेवाले  जस्टिस सल्ढाना ने जो देखा और सुना, उससे वे भौचक्के रह गए. पोप एंड कंपनी को अपनी विशिष्ट न्यायवादी भाषा में कई कानूनी नोटिस जारी करते हुए उन्होंने वेटिकन साम्राज्य को अपमान की बेड़ियों की मजबूत पकड़ से मुक्त किया, जिससे फ्रांसिस को ‘विकेड डैडी’ (Wicked Daddy) विली से वनवास पर जाने के लिए कहना पड़ा.

अपनी गंदी चालों को कभी न छोड़ने वाले विलियम ने अब अपनी वापसी के अभियान का नेतृत्व करने के लिए अपनी पांच अनाधिकारिक पत्नियों में से पहली – सुनीता (जिसने ब्रह्मचारी को एक आश्चर्यजनक हमशक्ल जूनियर बिशप बेटा उपहार में दिया) का उपयोग करना शुरू कर दिया है.

स्प्राउट्स के पास कुछ अन्य लोगों के साथ अपने प्रिय यजमानुरु की ओर से लड़ाई का नेतृत्व कर रही लाल (हॉट) फाइल पकड़े हुए नं. वन श्रीमती विलियम की तस्वीर है. सुनीता की यह वफादारी मुफ्त में नहीं है क्योंकि उसे 10 करोड़ का महल, महंगी कार, लिमिटलेस क्रेडिट कार्ड और सबसे बढ़कर बिशप विलियम के सिंहासन के लिए एक पुरुष उत्तराधिकारी और उसके सैकड़ों करोड़ की काली कमाई उपहार में दिए गए हैं.

उसे और उसके यजमानुरु के पुरुष उत्तराधिकारी को प्रभावित कर सकने वाली नकदी और आराम की कमी के डर से सहमी सुनीता की एकमात्र आशा पोप (Pope) प्रतीत होते हैं. विलियम द्वारा डॉन डिसग्रेशियस (Don Disgracias) की मदद से ब्लैकमेल करना बहुत आसान है क्योंकि फ्रांसिस के अपने बैकयार्ड में बहुत सारे कंकाल हैं और वे खुद एक अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं.

फ्रांसिस का अपने करीबी दोस्त फादर (Father) और बाद में बिशप गुस्तावो ऑस्कर जंचेट्टा (Bishop Gustavo Oscar Zanchetta) को हैंडल या मिसहैंडल करना, जिस पर दो सेमिनारिअन्स के यौन शोषण के साथ-साथ डायोसीस के फंड के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था, 

सर्व विदित है. फ्रांसिस की गुस्तावो की उस ‘अतार्किक सुरक्षा’ का खुलासा तब हुआ जब अर्जेंटीना की एक अदालत ने गुस्तावो को 4.5 साल की जेल की सजा सुनाई और तत्काल गिरफ्तारी भी पूर्ण सार्वजनिक डोमेन में हुई थी.

वर्तमान में रोविंग रूपनिक मार्को इवान (Roving Rupnik Marco Ivan), एक भाई जेसुइट (Jesuit) प्रीस्ट और पोप फ्रांसिस के करीबी दोस्त, जिन पर मन को झकझोरने वाला आरोप है

कि उन्होंने 20 लोयोला ननों (Loyola nuns) का यौन शोषण किया था, इटालियन और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में चर्चा में हैं. एक चौथी नन अभी-अभी सामने आई है और भयानक सेक्स विवरणों को उजागर किया है जिसे स्प्राउट्स के लेख में उनकी भयावह प्रकृति के कारण मुद्रित नहीं किया जा सकता है. चर्च मिलिटैंट ने पश्चिमी मीडिया हाउस होने के नाते अपने पाठकों के लिए रक्तरंजित विवरण प्रकाशित किया है.

वेटिकन (पोप) (Vatican ( Pope ) ने अतीत में गुस्तावो और अब विलियम के मामले की तरह और भी आरोपी प्रीस्ट/बिशप को पहले चिकित्सा अवकाश पर भेजने के समान कार्यप्रणाली का इस्तेमाल किया है. यह तरकीब अब पुरानी हो चुकी है और मैसूरु या देश के बाकी हिस्सों में किसी को बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता.

विलियम के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत में डॉन डिसग्रेशियस घोटालों पर रोम के कड़े रुख का स्पष्ट रूप से जिक्र करता है – ‘रोम इस तरह के अधिक विरोध के मामलों को रोकना चाहता है और अन्य संभावित मामलों में भविष्य के प्रदर्शनकारियों को हतोत्साहित करना चाहता है.

 जस्टिस सल्ढाना (Justice Saldhana), एओसीसी मुंबई के प्रवक्ता- ब्लैसे गोम्स (AOCC Mumbai spokesman- Blaise Gomes), आईसीएफ, कानपुर कनवेनर – छोटेभाई (ICF, Kanpur Convenor- Chhotebhai), पुणे एओसीसी कनवेनर – डोमिनिक लोबो (Pune AOCC convenor- Dominic Lobo), पुणे भ्रष्टाचार विरोधी योद्धा- मानव कांबले (Manav Kamble), 

मारुति भापकर (Maruti Bhapkar), और मैसूरु डायोसीस एक्शन कमेटी के सदस्यों ने स्प्राउट्स की एसआईटी के साथ अपने व्यक्तिगत साक्षात्कार में कुछ सामान्य प्रतिक्रिया दी.

“इस बार यह रोम के साथ-साथ हमारे लिए भी एक अलग बॉल गेम है. विलियम (William), ग्रेसियस (Gracias), डाबरे (Dabre), फ्रेंको (Franco) के खिलाफ विरोध हर गुजरते दिन के साथ तेज होगा. पोप और उनके भारतीय साथियों में लगभग विश्वास खो गया है

(जब तक कि वे अपनी विश्वसनीयता दिखाने के लिए निर्णायक कार्रवाई नहीं करते हैं), कार्यकर्ता व्यापक रूप से इन बदमाशों पर नकेल कसने और उन्हें उनके सही स्थान जेल भेजने के लिए विभिन्न लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों (law enforcement agencies) जैसे पुलिस (Police), अदालतों (Courts), 

ईडी (ED), सीबीआई (CBI), जीएसटी (GST), आईटी (IT), चैरिटी आयुक्त (Charity Commissioner), शिक्षा आयुक्त (Education Commissioner), राज्य सरकार (State Government), केंद्र सरकार (Central Government) के पास आपराधिक / सिविल, प्रशासनिक शिकायतें दर्ज करने के लिए तैयार हैं. बॉल अब पोप के कोर्ट में है. बदमाशों को अब से 15 -30 दिनों में हटा दें या नागरिक, 

आपराधिक, या प्रशासनिक कार्रवाई का सामना करें जिसके जोखिम और परिणामों  के लिए पोप (Pope), ग्रेसियस (Gracias), नेरी (Neri), और दिल्ली नुन्सिओ लियोपोल्डो (Delhi Nuncio Leopoldo) जिम्मेदार होंगे.”

स्प्राउट्स ने सभी गैर-सरकारी संगठनों और व्यक्तिगत कार्यकर्ताओं से वादा किया है कि वह भारतीय कैथोलिक चर्च को लंपट तत्वों से मुक्त करने के उनके नेक उद्देश्य में निरंतर और बेधड़क समर्थन करेगा. यह सुनिश्चित करेगा कि साफ-सुथरा और निस्वार्थ धार्मिक नेता भविष्य में स्वार्थी और अपनी खुद की सेवा करने वाले लोगों की जगह ले.

Related posts
EducationEntertainmentExclusive

Raveena Tandon Promotes Fake Doctorate Scam on Facebook.

5 Mins read
Raveena Tandon Promotes Fraudulent Honorary Doctorates in Facebook Ads • Sprouts SIT Exposes Bollywood-Endorsed Fake PhD Scam Unmesh Gujarathi Sprouts News Exclusive…
EducationPure PoliticsTrending News

Byju’s Battle: Aakash Founder Takes Legal Action

3 Mins read
• NCLT Showdown: Aakash’s Minority Stakeholders Raise Alarm • Aakash’s Ownership War: Second Round of Litigation Begins Unmesh Gujarathi Sprouts News Exclusive…
EconomyEducationPure PoliticsTrending News

Devotees of Neem Karoli Baba Furious Over Uttarakhand Govt.'s Inaction

3 Mins read
Traffic Nightmare at Kainchi Dham: Pilgrims Demand Better Infrastructure Unmesh Gujarathi Sprouts Exclusive Kainchi Dham, a revered spiritual site located in the…