(डिस) ग्रेसियस का हीरो वेटिकन ने बनाया जीरो

Unmesh Gujarathi
5 Min Read
10 JAN 2023 SPROUTS STORY PG1

ओसवाल्ड का हीरो… अब बिग जीरो

उन्मेष गुजराथी
स्प्राउट्स एक्सक्लूसिव

मुंबई के कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेसियस (Cardinal Oswald Gracias) इस असामान्य शीत लहर में अपनी कसक में छटपटा रहे होंगे और कांप रहे होंगे. 

ओसवाल्ड का चहेता बुद्धिमान लेकिन अब नादान – मैसूर के बिशप के. विलियम को वेटिकन (Vatican)  द्वारा एक अज्ञात अवधि के लिए ठंडे बस्ते में बंद कर दिया गया है और उसे छुट्टी लेने के लिए कहा गया है. उसके स्थान पर दिनांक 6.1.2023 से एक नया अंतरिम प्रशासक (बैंगलोर के आर्कबिशप एमेरिटस बर्नार्ड मोरस) नियुक्त किया गया है.

कथित कई प्रेमिकाएं रखनेवाला, लगभग आधा दर्जन नाजायज बच्चों का ‘डैडी’, अपहरणकर्ता, लौंडेबाज, 4 पुजारियों का हत्यारा और सैकड़ों करोड़ का चर्च फंड ठगने वाला जिसे ग्रेसियस ‘पालतू’ मीडिया के माध्यम से सेंट जॉन अस्पताल, बैंगलोर में ‘मैनेज्ड’ पितृत्व परीक्षण के बाद हीरो बनाना चाहता था, उसे रोमन कैथोलिक चर्च की सर्वोच्च अनुशासनात्मक निकाय डिकास्टरी फॉर इवैंजेलाइजेशन (Dicastery for Evangelization) द्वारा पैकिंग लॉक, स्टॉक और बैरल भेजा दिया गया है.

यह महसूस करते हुए कि उसका खेल खत्म हो गया है, विलियम ने कुछ महीने पहले बिशप के एक सदी पुराने निवास को तोड़ना शुरू कर दिया था, जिसे पहले मॉडिफाई करके उसकी कई प्रेमिकाओं  लिए उसके मास्टर बेडरूम से  संलग्न कई बेडरूम बनाए गए थे ताकि वह आराम कर सके और अपनी नियमित यौन गतिविधियों का आनंद ले सके.

हालांकि, विलियम ने इस वेटिकन की बलात छुट्टी को गलत तरीके से प्रोजेक्ट करने की कोशिश की मानो वह चिकित्सा अवकाश पर जा रहा था. वेटिकन की विज्ञप्ति में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि उन्हें छुट्टी पर जाने के लिए कहा जा रहा है, जिसमें विलियम से चिकित्सा अवकाश के किसी भी अनुरोध का उल्लेख नहीं है और न ही मंजूरी जो चिकित्सा अवकाश के छलावे को उजागर करती है.

जस्टिस माइकल सलढाना (Justice Michael Saldhana), एक प्रमुख कैथोलिक, जिन्होंने मुंबई और कर्नाटक उच्च न्यायालयों में सर्विस की और न्यायिक हलकों में बड़ी प्रतिष्ठा के साथ स्प्राउट्स से एक बयान में कहा : –

“फोरेंसिक और पुख्ता जांच के बाद मैंने व्यक्तिगत रूप से सभी तथ्यों और दस्तावेजों का परीक्षण किया और मैसूरु के बिशप के. विलियम के खिलाफ निम्नलिखित आरोपों के तहत दोषी को फैसला सुनाया:

·         व्यक्तिगत रूप से और वकील के माध्यम से 41 पुजारियों को डरने, जान से मारने की धमकी देना जिसमें से 4 ने अपनी जान गवा दी. 

·         प्रीस्ट और बिशप के रूप में अपने पूरे कार्यालय के माध्यम से निर्लज्ज यौन स्वच्छंदता और बच्चों का पिता होना. 

·         असीमित भ्रष्टाचार का सहारा लेकर व्यक्तिगत माफिया, पुलिस और अदालतों के माध्यम से विरोधियों को शारीरिक रूप से प्रताड़ित करना.

·         भ्रष्ट मीडिया के माध्यम से हर कल्पनीय अपराध को कवर करने के लिए बड़े पैमाने पर धन का अपव्यय करके भ्रष्ट पादरी वर्ग का निर्माण करना. 

·         इन सबसे ऊपर वेटिकन को गुप्त रूप से लाखों यूरो स्थानांतरित करना और भारत में चर्च हायरार्की को खरीदना. 

·         हजारों करोड़ रुपये का धोखा देकर प्रत्येक डायोकेसन संस्थान को कंगाल बनाना, जिसका एक बड़ा हिस्सा भारत के बाहर है.

जस्टिस माइकल ने कहा कि उन्होंने निर्विवाद साक्ष्य के साथ चर्च हायरार्की का सामना किया था और तत्काल कानूनी कार्रवाई के साथ 1 जनवरी 2023 की अंतिम समय सीमा तय की थी. चर्च के पास उसे बाहर करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था. जस्टिस सलढाना ने दावा किया कि इस सफाई में विलियम की पूरी टीम का शुद्धिकरण शामिल होगा. 

इंडियन कैथोलिक फोरम (Indian Catholic Forum (ICF), कानपुर, संयोजक – छोटेभाई (Chhotebhai) ने स्प्राउट्स को दिए एक बयान में इस छोटे कदम (बलात छुट्टी) का स्वागत किया है, लेकिन एक शर्त के साथ कि यह ‘सॉफ्ट बर्खास्तगी’ है.

सेव मैसूर डायोसीज एक्शन कमेटी (SMDAC) ने छोटेभाई के मार्गदर्शन में मई 2021 में एपोस्टोलिक विजिटर्स और नुन्सियो के 6 प्रमुखों के अधीन हलचल शुरू हुई और एक डोजियर दायर किया गया, जिसने बिशप विलियम के आपराधिक और अनैतिक कृत्यों को नाकाम कर दिया.

एसोसिएशन ऑफ कंसर्नड कैथोलिक्स (Association of Concerned Catholics (AOCC), मुंबई के प्रवक्ता ब्लैसे गोमेस ने स्प्राउट्स को दिए अपने बयान में विलियम की ‘बर्खास्तगी’ पर राहत व्यक्त की, लेकिन उसकी 5 प्रेमिकाओं और उनके बच्चों के भविष्य के बारे में ‘चिंतित’ थे. उन्होंने मांग की कि कार्डिनल ग्रेसियस भी अब कम से कम शालीनतापूर्वक विलियम की अवैध गतिविधियों में समर्थन करने के लिए पद छोड़ दें.

स्प्राउट्स (Sprouts) की एसआईटी को विश्वसनीय स्रोतों से पता चला है कि विलियम भारतीय जेल में समाप्त होनेवाले भविष्य का सामना करने के बजाय भारत से पापुआ (Papua) न्यू गिनी (New Guinea) भाग सकता है.

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With over 28 years of experience, Unmesh Gujarathi stands as one of India’s most credible and courageous investigative journalists. As Editor-in-Chief of Sprouts, he continues to spearhead the newsroom’s hard-hitting journalism.
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•DNA (Daily News & Analysis) •The Times Group •The Free Press Journal
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Beyond his editorial leadership, Unmesh is a prolific author, having written over 12 books in Marathi and English on subjects such as Balasaheb Thackeray, the RTI Act, career guidance, and investigative journalism.
A regular contributor to national dailies and digital platforms, his work continues to inform, challenge, and inspire.
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