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अवैध रूप से औषधियां बनाकर कमाए करोड़ों रुपये 

उन्मेष गुजराथी
स्प्राउट्स इम्पैक्ट

वर्तमान में महाराष्ट्र के पुणे जिले में अवैध रूप से औषधियां बनाई जाती हैं और पूरे भारत में अवैध रूप से बेची जाती हैं. इससे लाखों मरीजों की जान को खतरा है. इस पर एक विशेष रिपोर्ट ‘स्प्राउट्स’ में प्रकाशित हुई थी. महाराष्ट्र राज्य के खाद्य एवं प्रशासन विभाग ने इस पर संज्ञान लिया और तुरंत नोटिस जारी कर उत्पादन बंद करा दिया. लेकिन हैरानी की बात यह है कि अभी तक उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया गया है.

पवन कुमार जगदीशचंद गोयल ने 31 अक्टूबर 2014 को पुणे में एस रेमेडीज नाम की एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की स्थापना की. शुरुआत में इस कंपनी को केवल कुछ मेडिकल कंपनियों की औषधियां बेचने का लाइसेंस मिला था. लेकिन जल्दी पैसा कमाने की लालसा में गोयल ने सीधे तौर पर अवैध रूप से औषधियां बनाना शुरू कर दिया और फिर उन्हें अवैध रूप से बेचना शुरू कर दिया. इससे उसने करोड़ों की काली कमाई की. 

‘स्प्राउट्स’ की स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम को कुछ सबूत हाथ लगे और इसीलिए इस पर 23 मार्च 2022 और 16 जून 2022 को ‘स्प्राउट्स’  में विशेष रिपोर्ट प्रकाशित हुई. इन रिपोर्टों ने पुणे निवासियों की  नींद उड़ा दी. खाद्य एवं प्रशासन विभाग ने भी तत्काल कदम उठाया.

एस रेमेडीज कंपनी को तुरंत प्रोडक्शन बंद करने का नोटिस दिया गया था. तदनुसार कंपनी ने नकली दवाओं का निर्माण और बिक्री तुरंत बंद कर दी थी. स्प्राउट्स को लिखित जवाब में प्रशासन ने कहा कि इस कंपनी से कुछ दवाओं के नमूने जब्त किए गए हैं और उनमें से कुछ नमूने अप्रमाणित हैं. प्रशासन इसकी और जांच कर रहा है.

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