भगवान, राज्यपाल को सद्बुद्धि दें

Unmesh Gujarathi
4 Min Read

SPROUTS NOV 26 2022 ALL PRINT 1

उन्मेष गुजराथी
स्प्राउट्स संपादकीय

महाराष्ट्र ही नहीं, पूरे भारत के लोगों के आदर्श छत्रपति शिवाजी महाराज पर अपने विवादित बयान से महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी एक बार फिर मुश्किल में आ गए हैं. समय-समय पर विवादित बयान को लेकर चौतरफा हमले के बाद ऐसा लगता है कि उन्हें विवादास्पद बयान देने के बाद सफाई देने की आदत हो गई है. राज्यपाल कोश्यारी को इस बात पर भी विचार करना चाहिए कि इससे अक्सर महाराष्ट्र के साथ देश की जनता की भावनाएं आहत होती हैं.

कोश्यारी की वजह से महाराष्ट्र के इतिहास में पहली बार आम जनता के लिए राजभवन के दरवाजे खुले. लेकिन वर्तमान में राजभवन एक ‘पुरस्कार वितरण केंद्र’ बन गया है. टाइम्स, मिड-डे, पुढारी, सकाल, लोकमत, नवभारत और तमाम गली- कूचे के अखबारों ने राज्यपाल के हाथों से सैकड़ों लोगों को पुरस्कार दिए. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने यह भी स्पष्ट आरोप लगाया है कि ये सभी पुरस्कार मीडिया हाउस ने कथित पुरस्कार विजेताओं से पैसे लेकर दिए हैं.

किसी न किसी बात को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले राज्यपाल कोश्यारी ने इस काम के लिए भ्रष्ट अधिकारी विलास मुणगेकर का कार्यकाल दो बार बढ़ाया. राज्यपाल कोश्यारी द्वारा यह विस्तार अवैध और संविधान के नियम के विरुद्ध है. लेकिन राज्यपाल ने हमेशा इस भ्रष्ट अधिकारी का पुरजोर समर्थन किया है. इस अधिकारी के कारण पुरस्कार वितरण योजना को बल मिला है. राज्यपाल कोश्यारी द्वारा अब तक हजारों लोगों को ‘कोरोना योद्धा’ जैसे पुरस्कार दिए जा चुके हैं. उनमें से कुछ तो कोरोना काल में घर से निकले ही नहीं, कुछ डाक्टरों पर पुलिस ने कोरोना काल में आरोप लगाया है, इसलिए यह पुरस्कार कोरोना काल में मरने वाले नागरिकों व उनके परिजनों के साथ क्रूर मजाक है, ‘स्प्राउट्स’ की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का यह आरोप है.

हमेशा सुर्खियों में रहने वाले राज्यपाल कोश्यारी अब तक सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए खिरपति जैसे पुरस्कार दे चुके हैं. इतना ही नहीं हत्या जैसे आरोपों के साथ अंडरवर्ल्ड अपराधियों, जबरन वसूली करने वालों, गैंगस्टरों, डॉक्टरों को भी सम्मानित किया. इन तथाकथित सामाजिक कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल के साथ तस्वीरें खिंचवाईं और मीडिया में पूरे पेज का विज्ञापन दिया. विश्वसनीयता खो चुके अखबारों ने उन्हें प्रकाशित किया, ऐसी स्थिति मीडिया की है.

थोक में फर्जी पीएचडी बेचने वालों का सार्वजनिक अभिनंदन
महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि पूरे भारत में थोक में पीएचडी बेचने के लिए कुख्यात मधु कृष्णन राजभवन आकर नाश्ता करता है और राज्यपाल से चर्चा करता है. राजभवन की ऑफिशियल सोशल साइट पर भी उनकी तस्वीरें वायरल हैं.

न केवल महाराष्ट्र में बल्कि पूरे भारत में फर्जी मानद पीएचडी बेचने वालों को राज्यपाल द्वारा सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया जाता है. इतना ही नहीं, राजभवन में ही फर्जी पीएचडी बांटी जाती है और आज भी ये संदिग्ध लोग फिर फर्जी पीएचडी बेचते हैं, वह भी राज्यपाल के साथ फोटो लगाकर, यह महाराष्ट्र की बदनामी नहीं तो और क्या है.

राजभवन में भ्रष्ट अधिकारी
राज्य में शिक्षा के मतलब को ही उलट दिया गया है, ‘स्प्राउट्स’ द्वारा कई बार भ्रष्टाचार को उजागर किया गया है, राज्यपाल राज्य के कुलाधिपति होने के नाते, स्प्राउट्स ने भी इस भ्रष्टाचार की ओर इशारा किया था. लेकिन राज्यपाल कोश्यारी इसमें दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. इसलिए, स्प्राउट्स ने सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया है और शिकायत की है कि मुणगेकर जैसा भ्रष्ट अधिकारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है और सारे कार्यक्रम का प्रबंध करता है लेकिन राज्यपाल द्वारा हटाया नही गया. राज्यपाल की इस लापरवाही का खामियाजा प्रदेश के लाखों छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. इसलिए भगवान राज्यपाल कोश्यारी को सद्बुद्धि दें.


[inhype_block type=”postsgrid7″ block_title=”Also Read” block_posts_type=”latest” block_categories=”” block_posts_limit=”4″ block_posts_loadmore=”no” block_posts_offset=”0″]

Share This Article
With over 28 years of experience, Unmesh Gujarathi stands as one of India’s most credible and courageous investigative journalists. As Editor-in-Chief of Sprouts, he continues to spearhead the newsroom’s hard-hitting journalism.
Past Editorial Roles:
•DNA (Daily News & Analysis) •The Times Group •The Free Press Journal
•Saamana •Dabang Dunia •Lokmat
Education:
•Master of Commerce (M.Com) •MBA •Degree in Journalism
Beyond his editorial leadership, Unmesh is a prolific author, having written over 12 books in Marathi and English on subjects such as Balasaheb Thackeray, the RTI Act, career guidance, and investigative journalism.
A regular contributor to national dailies and digital platforms, his work continues to inform, challenge, and inspire.
• A journalist. A leader. A voice for the people.